- भारत के कई शहरों पर पानी का खतरा मंडरा रहा है. नीति आयोग की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2030 तक पानी खत्म होने की कगार पर आ जाएगा. इस किल्लत का सामना सबसे ज्यादा दिल्ली, बंगलूरू, चेन्नई और हैदराबाद के लोगों को करना पड़ेगा.
रिपोर्ट के मुताबिक -
- देश के कई राज्यों में पानी की स्थिति चिंताजनक है. उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, गुजरात और तमिलनाडु में स्थिति अच्छी नहीं है.
- देश के 60 करोड़ लोग पानी के संकट से जूझ रहे हैं.
- 40% आबादी के पास पीने के लिए शुद्ध पानी नहीं है.
- रिपोर्ट के अनुसार 2020 से ही पानी की परेशानी शुरू हो जाएगी. यानी कुछ समय बाद ही करीब 10 करोड़ लोग पानी के कारण परेशानी उठाएंगे.
- 75% लोगों के घरों में पीने के पानी की सप्लाई नहीं है.
- ग्रामीण इलाकों में करीब 84% घरों में पानी की पाइपलाइन नहीं है.
- देश के 70% लोग अशुद्ध पानी पीने को मजबूर हैं.
- जल संकट वाले 122 देशों की लिस्ट में भारत 120 वें नंबर पर आता है.
- 40% आबादी के लिए नहीं होगा पानी
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 2030 तक देश की 40 फीसदी आबादी के लिए पीने का पानी नहीं होगा. अगले वर्ष देश के 21 शहरों को पीने के पानी के लिए जूझना होगा.
क्या है उपाय ?
- पानी के संकट से निपटने के लिए नीति आयोग ने देश की आधी, करीब 450 नदियों को आपस में जोड़ने का एक विस्तृत प्रपोजल तैयार किया है. बारिश का सिर्फ 10-15% पानी ही इस्तेमाल हो पाता है. बाकी का करीब 85-90% पानी नदियों के रास्ते समुद्र में चला जाता है. अगर समय रहते इस पानी को उन नदियों में ले जाया जाए, जहां साल के अधिकतर महीनों में सूखा दिखता है तो समस्या को किसी हद तक सुलझाया जा सकता है.